samanarthi shabd in marathi – तर आज आम्ही तुमच्याशी समानार्थी शब्दांबद्दल बोलणार आहोत, म्हणजेच समानार्थी शब्द म्हणजे काय? मराठीत व्याकरणात समानार्थी शब्दांना खूप महत्त्व आहे. तर मित्रांनो, समानार्थी शब्दांबद्दल जाणून घेऊया.
What is a samanarthi shabd in marathi,समानार्थी शब्द म्हणजे काय?
येथे आपण काही शब्दांचा अभ्यास करू ज्यांचे समान अर्थ आहेत. म्हणजेच ज्या शब्दाचे अनेक अर्थ आहेत आणि त्याचे अर्थही तेच अर्थ व्यक्त करतात जे त्या शब्दाला दिलेले आहेत. अशा शब्दांना समानार्थी शब्द म्हणतात. उदाहरणात जाणून घेण्यासाठी प्रथम समानार्थी किंवा समानार्थी शब्दाची व्याख्या जाणून घेणे आवश्यक आहे.
उदाहरण – nadi samanarthi shabd in marath – नदी = सरिता, तटिनी, तरंगिणी, जलवाहिनी.
chandra samanarthi shabd in marathi – चंद्रमा, चांदोबा, शशी, रजनीनाथ, इंदू , सुधाकर, निशानाथ, निशापति, मयंक, मृगांक, हिमांशू,
shet samanarthi shabd in marath – शेत, शिवार, वावर , जमीन,
aai samanarthi shabd in marathi – आई – माता, माय, जननी, माऊली, जन्मदात्री
akash samanarthi shabd in marathi – आकाश : नभ, गगन, आभाळ
Mitra samanarthi shabd in marathi – मित्रा ,सवंगडी, दोस्त
gav samanarthi shabd in marathi – ग्राम, गाव,
paus samanarthi shabd in marathi – वर्षा, वर्षाव, वृषी,
divas samanarthi shabd in marathi – दिन, दिवस, उजेड, दिवा
jungle samanarthi shabd in marathi – अरण्य, वण
pakshi samanarthi shabd in marathi – पक्षी = द्विज, खग, अंडज.
झाड समानार्थी शब्द मराठी – झाड , वृक्ष
sagar samanarthi shabd in marathi – जलधी, जलनिधी, दर्या, पयोधी, पयोनिधी, रत्नाकर, समुद्र
shakti samanarthi shabd in marathi – सामर्थ्य; योग्यता; लायकी. बळ; ताकद; प्रभाव.
shala samanarthi shabd in marathi – विद्यालय,शाळा
vruksh samanarthi shabd in marathi – तरू , झाड
pravas samanarthi shabd in marathi – प्रवास = सफर, फेरफटका, पर्यटन
anand samanarthi shabd in marathi – मोद, तोष, प्रमोद, हर्ष, संतोष, भास्कर, मित्र, भानू, दिनकर, आदित्य,
असेच काही 1000 समानार्थी शब्द लिहिले आहेत,
List of samanarthi shabd in marathi,
- अवचित = एकदम
- अवर्षण = दुष्काळ
- अविरत = सतत, अखंड
- अडचण = समस्या
- अभ्यास = सराव
- अन्न = आहार, खाद्य
- अग्नी = आग
- अचल = शांत, स्थिर
- अचंबा = आश्चर्य, नवल
- अतिथी = पाहुणा
- अत्याचार = अन्याय
- अपराध = गुन्हा, दोष
- अपमान = मानभंग
- अपाय = इजा
- अश्रू = आसू
- अंबर = वस्त्र
- अमृत = पीयूष
- अहंकार = गर्व
- अंक = आकडा
- आई = माता, माय, जननी, माउली
- आकाश = आभाळ, गगन, नभ, अंबर
- आठवण = स्मरण, स्मृती, सय
- आठवडा = सप्ताह
- आनंद = हर्ष
- आजारी = पीडित, रोगी
- आयुष्य = जीवन, हयात
- आतुरता = उत्सुकता
- आरोपी = गुन्हेगार, अपराधी
- आश्चर्य = नवल, अचंबा
- पाणी = जल
- नदी = सरिता
- आई = माता
- जंगल = वन
- ढग = मेघ
- मित्र = दोस्त
- पवन = वारा
- अधार = काळोख, तिमिर
- अंगण = आवार
- अंगार = निखारा
- अंतरिक्ष = अवकाश इलाज = उपाय
- इशारा = सूचना
- इंद्र = सुरेंद्र, नाकेश, वसाव, सहस्त्राक्ष, वज्रपाणी, देवेंद्र
- इहलोक = मृत्युलोक
- ईर्षा = चुरस
- दिन = दिवस
- रात्र = निशा
- झाड = वृक्ष
- सागर = समुद्र
- अनाथ = पोरका
- अनर्थ = संकट
- अपघात = दुर्घटना
- अपेक्षाभंग = हिरमोड
- अभिवादन = नमस्कार,
- आई – माउली ,जननी , माता , जन्मदाती , माय
- अहंकार – घमेंड , गर्व
- अपाय – त्रास ,इजा
- अचल – स्थिर ,शांत ,पर्वत
- अवचित – एकदम
- अमृत – पियुष, सुधा, संजीवनी
- आख्यायिक – लोककथा ,दंतकथा
- अग्नी – आग ,अनल ,पावक
- अरण्य – रान ,वन ,कानन ,विपिन ,जंगल
- अविरत – सतत ,अखंड
- अचपळ – खोडकर ,चंचल
- अपराध – गुन्हा
- अभिनेता – नट
- अत्याचार – अन्याय ,जुलूम
- अनाथ – निराधार ,पोरका
- ओढाळ – उनाड ,भटका
- अंतरीक्ष – अवकाश
- आनंद – हर्ष ,मोद ,तोष ,संतोष ,आमोद
- आपत्ती – संकट
- आज्ञा – आदेश ,हुकुम
- अंगार – निखारा
- अंत – शेवट ,अखेर
- अंधार – तिमिर ,काळोख ,तम
- आसक्ती – लोभ ,हव्यास
- आस – इच्छा ,मनीषा
- आयुष्य – जीवन
- आकाश – नभ ,गगन ,अंबर ,आभाळ
- आरसा – दर्पण
- आसन – बैठक
- इहलोक – मृत्यलोक
- इलाज = उपाय
- इशारा = सूचना
- इंद्र = सुरेंद्र
- इहलोक = मृत्युलोक
- ईर्षा = चुरस
- उत्सव = समारंभ, सण, सोहळा
- उक्ती = वचन
- उशीर = विलंब
- उणीव = कमतरता
- उपवन = बगीचा
- उदर = पोट
- उदास = खिन्न
- उत्कर्ष = भरभराट
- उपद्रव = त्रास
- उपेक्षा = हेळसांड
- ऊर्जा = शक्ती
- ॠण = कर्ज
- ॠतू = मोसम
- एकजूट = एकी, ऐक्य
- ऐश्वर्य = वैभव
- ऐट = रुबाब, डौल
- ओझे = वजन, भार
- ओढा = झरा, नाला
- ओळख = परिचय
- औक्षण = ओवाळणे
- अंत = शेवट
- अंग = शरीर
- कठोर = निर्दय
- कनक = सोने
- कटी = कंबर
- कमळ = पंकज, अंबुज, नलिनी, अळत, पद्म, सरोज, अंभोज, अरविंद, राजीव, अब्ज
- कपाळ = ललाट, भाल, कपोल, निढळ, अलिक
- कष्ट = श्रम, मेहनत
- कंजूष = कृपण
- काम = कार्य, काज
- काठ = किनारा, तीर, तट
- काळ = समय, वेळ, अवधी
- कान = श्रवण
- कावळा = काक, एकाक्ष, वायस
- कालांतराने = दिसामासा
- काष्ठ = लाकूड
- कासव = कूर्म, कामट, कमठ, कच्छप, कच्छ
- किल्ला = गड, दुर्ग
- किमया = जादू
- कार्य = काम
- अंघोळ = स्नान
- अंधार = काळोख, तिमिर
- अंगण = आवार
- अंगार = निखारा
- अंतरिक्ष = अवकाश
- कथा = गोष्ट, कहाणी,
- किल्ला = गड, तट, दुर्ग
- किमया = जादू, चमत्कार
- कुटी = झोपडी
- कृपण = कंजूस
- कृश = बारीक, हडकुळा
- खडक = दगळ, पाषाण
- खटाटोप = धडपड, प्रयत्न
- खग = पक्षी, विहंग
- खडग = तलवार
- खेडे = गाव, ग्राम
- खंत = दुःख
- ख्याती = प्रसिद्धी, कीर्ती
- गवई = गायक
- ग्रंथ = पुस्तक
- गनीम = शत्रु
- गणपती = गजानन, विनायक, एकदंत, लंबोदर
- गरुड = खगेंद्र
- गृहिणी = घरधनीन
- गाणे = गीत
- गाय = गोमाता, धेनु
- गोष्ट = कथा, कहाणी
- गौरव = सत्कार
- गंध = वास, परिमळ
- घर = सदन, गृह, निवास, भवन
- घोडा = अश्व, हय, वारू
- चेहरा = तोंड, मुख
- चौफेर = चहूकडे, सर्वत्र
- चंद्र = शशी, सोम, इंदू, सुधांशू
- चांदणे = कौमुदी, चंद्रिका
- टंचाई = कमतरता
- ठसा = खूण
- ठग = लुटारू
- ठक = लबाड
- ठेकेदार = कंत्राटदार
- डोके = मस्तक
- डोंगर = पर्वत
- डोळे = चक्षु, अक्ष, नयन
- ढग = मेघ, जलद, पयोद
- ढीग = रास
- तलाव = कासार, सारास, तळे
- तरुण = जवान, युवक
- तरु = झाड, वृक्ष
- तारे = तारका, चांदण्या
- तारु = जहाज, गलबत
- तिमिर = काळोख
- तृषा = लालसा
- तृण = गवत
- तुरुंग = कारागृह, कैदखाना
- थंड = शीतल, गार
- थवा = समुदाय, घोळका
- दंत = दात
- दंडवत = नमस्कार
- दास = नोकर, चाकर
- दानव = राक्षस, दैत्य, असुर
- दारा = बायको, पत्नी
- दागिना = अलंकार, आभूषण
- दिन = दिवस
- दीन = गरीब
- दुजा = दुसरा
- दुनिया = जग
- दुर्दशा = दुरावस्था
- दुर्धर = कठीण
- देव = ईश्वर, परमेश्वर
- दैन्य = दारिद्र्य
- धरती = धरणी, पृथ्वी, वसुंधरा
- धवल = पांढरे
- धनुष्य = चाप, कोंदड
- धन = पैसा, संपत्ती
- नगर = शहर, पुरी
- नजराणा = भेट, उपहार
- नवनीत = लोणी
- नदी = सरिता, जीवनदायिनी
- नृप = राजा
- नाथ = धनी, स्वामी
- नारळ = श्रीफळ
- निर्जन= ओसाड
- निर्झर = झरा
- निर्मळ = स्वच्छ
- नीच = तुच्छ
- नेता = नायक, पुढारी
- नौदल = आरमार
- पशु = प्राणी, जनावर
- पती = नवरा
- पर्वत = नग, अचल
- परिमल = सुवास, सुगंध
- पाणी = जल, जीवन, वारी, नीर
- पारंगत = निपुण
- पान = पत्र, पर्ण
- पोपट = राघू, रावा, शुक
- पंक = चिखल
- नक्कल = प्रतिकृती
- नमस्कार = वंदन, नमन
- नातेवाईक = नातलग
- नाच = नृत्य
- निश्चय = निर्धार
- निर्धार = निश्चय
- निर्मळ = स्वच्छ
- नियम = पद्धत
- निष्ठा = श्रद्धा
- नृत्य = नाच
- नोकर = सेवक
- परिश्रम = कष्ट, मेहनत
- पती = नवरा, वर
- पत्र = टपाल
- पहाट = उषा
- परीक्षा = कसोटी
- पर्वा = चिंता, काळजी
- पर्वत = डोंगर, गिरी, अचल
- पक्षी = पाखरू, खग, विहंग
- प्रकाश = उजेड
- प्रवास = सफर, फेरफटका, पर्यटन
- प्रवासी = वाटसरू
- प्रजा = लोक
- प्रत – नक्कल
- प्रदेश = प्रांत
- प्रवास = यात्रा
- प्राण = जीव
- पान = पत्र, पत्ता
- प्रासाद = वाडा
- पाखरू = पक्षी
- पाऊल = पाय, चरण
- पाऊलवाट = पायवाट
- प्रार्थना = स्तवन
- प्रामाणिकपणा = इमानदारी
- प्रारंभ = सुरुवात, आरंभ
- प्रेम = प्रीती, माया, जिव्हाळा
- प्रोत्साहन = उत्तेजन
- पाऊस = वर्षा, पर्जन्य
- पाणी = जल, नीर, तोय, उदक
- पिशवी = थैली
- पुस्तक = ग्रंथ
- पुतळा = प्रतिमा, बाहुले
- पुरातन = प्राचीन
- पृथ्वी = धरणी, जमीन, वसुंधरा, वसुधा
- फलक = फळा
- फांदी शाखा
- फूल = पुष्प, सुमन, कुसुम
- बदल = फेरफार, कलाटणी
- बर्फ = हिम
- बहीण = भगिनी
- बक्षीस = पारितोषिक, पुरस्कार
- बाग = बगीचा, उद्यान, वाटिका
- बासरी = पावा
- बेत = योजना
- बाळ = बालक
- बाप = पिता, वडील, जनक
- बादशाहा = सम्राट
- बेढब = बेडौल
- बैल = वृषभ, पोळ, खोड
- बंधन = निर्बंध, मर्यादा
- बंधू = भाऊ, भ्राता
- ब्रीद = बाणा, प्रतिज्ञा
- भगिनी = बहीण
- भरवसा = विश्वास
- भार = ओझे
- भान = शुद्ध, जागृती
- भाऊबंद = नातेवाईक, संगेसोयरे
- भुंगा = भ्रमर, भृंग
- भू = जमीन, धरा, भूमी
- भेद = फरक, भिन्नता
- भेकड = भित्रा, भ्याड
- महिमा = महात्म्य, थोरवी, मोठेपणा
- मनसुबा = बेत, विचार
- मकरंद = मध
Note – GK questions in maratahi / सामान्य ज्ञानाच्या प्रश्नांची उत्तरे
- मलूल = निस्तेज
- मंदिर = देऊळ
- मयुर = मोर
- मत्सर = द्वेष, असूया
- मार्ग = रस्ता, वाट, पथ, सडक
- मानव = मनुष्य, माणूस, नर
- मासा = मीन, मत्स्य
- मित्र = सवंगडी, दोस्त, साथीदार
- मुलामा = लेप
- ताज महालचा इतिहास मराठी मध्ये
- मुलगा = सुत, पुत्र, लेक
- मुलगी = लेक, पुत्री, कन्या, सुता
- मूषक = उंदीर
- मेष = मेंढा
- मोहिनी = भुरळ
- मौज = मजा, गम्मत
- मंगल = पवित्र
- याचक = भिकारी
- यातना = दुःख, वेदना
- यान = अंतराळवाहन
- युवती = मुलगी, तरुण
- रात्र = रजनी, निशा, रात
- रुक्ष = कोरडे, निरस
- रोष = राग
- रंक = गरीब
- लढा = लढाई, संघर्ष
- लाज = शरम, लज्जा
- लाडका = आवडता
- लावण्य = सौंदर्य
- वर्षा = पाऊस, पावसाळा
- वचक = धाक, दरारा
- वत्स = वासरू, बालक
- वारा = हवा, पवन, वायू
- वासना = इच्छा
- वाली = रक्षणकर्ता
- वायदा = करार
- विलंब = उशीर
- विमल = निष्कलंक, निर्मळ
- विवंचना = काळजी, चिंता
- विद्रूप = कुरूप
- विनय = नम्रता
- विस्तृत = विशाल, विस्तीर्ण
- विस्मय = आश्चर्य, नवल
- विलग = वेगळे, सुटे, अलग
- विषण्ण = खिन्न, कष्टी
- वीज = चपला, चंचला, बिजली, तडिता
- वेश = पोषक
- व्यथा = दुःख
- व्रण = खूण,
- व्याकुळ = दुःखी, कासावीस
- शव = प्रेत
- शक्ती = बळ, जोर, ताकत
- शर = बाण, तीर
- शत्रू = अरी, रिपु
- शेज = बिछाना, अंथरूण
- शिकारी = पारधी
- शिक्षक = गुरुजी, गुरु, मास्तर
- शीघ्र = जलद
- शीपा = थकवा
- शिकस्त = पराकाष्टा
- सज्जन = संत
- समाधान = आनंद, संतोष
- समुद्र = सागर
- सिंधू = समय
- साप = सर्प, भुजंग
- सहार = नाश, विनाश, सर्वनाश
- स्वच्छ = निर्मळ, साफ स्तुती
- प्रशंसा = कौतुक
- साधू = संन्यासी
- साथ = सोबत, संगत
- सुगम = सुलभ, सोपा
- सुरेल = गोड
- सुंदर = सुरेख, छान
- सीमा = वेस, मर्यादा
- सेवक = दास, नोकर
- सजा = शिक्षा
- सन्मान = आदर
- संकट = आपत्ती
- संधी = मोका
- संत = सज्जन, साधू
- संपत्ती = धन, दौलत, संपदा
- सायंकाळ = संध्याकाळ
- सावली = छाया
- साथी = सोबती, मित्र, दोस्त, सखा
- स्तुती = प्रशंसा
- स्पर्धा = चुरस, शर्यत, होड, पैज
- स्थान = ठिकाण, वास, ठाव
- स्त्री = बाई, महिला, ललना
- संध्याकाळ = सायंकाळ, सांज
- स्फूर्ती = प्रेरणा
- स्वच्छता = झाडलोट
- आग्रह= हट्ट, हेका, अट्टाहास
- आठवण =सय, स्मृती, स्मरण
- ओसाड= उजाड
- ओझे वजन=, भार
- ओळख= परिचय
- ओढा = नाला, झरा, ओहोळ
- अंत = शेवट, अखेर, मृत्यू, मरण
- अंग = शरीर, देह, तनू, काया, कुडी, वपु
- अंतराळ = अवकाश
- “उ”
- उक्ती= वचन
- उजेड= प्रकाश, तेज
- उसळी= उडी
- उत्सव= सण, सोहळा, समारंभ
- उणीव= कमतरता, न्यूनता
- उमेद= उत्साह, हिम्मत, धैर्य
- उषा सकाळ,= पहाट, प्रातःकाल, प्रभात, उषःकाल, अरुणोदय
- उपहास= मस्करी, थट्टा, चेष्टा
- सुवास = सुगंध, परिमल, दरवळ
- सुंदर = सुरेख, रमणीय, मनोहर, छान
- सागर = समुद्र, सिंधू, रत्नाकर, जलधी
- सावली = छाया
- सामर्थ्य = शक्ती, बळ
- साहित्य = लिखाण
- सेवा = शुश्रूषा
- सिनेमा = चित्रपट, बोलपट
- सिंह = केसरी, मृगराज, वनराज
- सुविधा = सोय
- सुगंध = सुवास, परिमळ, दरवळ
- सूत = धागा, दोरा
- सूर्य = रवी, भास्कर, मित्र, आदित्य, सविता, अर्क, भानू, चंडांशु, दिनकर, दिनमनी, प्रभाकर, दिवाकर, सहस्त्रकर, सहस्त्ररश्मी, मार्तंड, वासरमनी
- सेनापती = सेनानी, सेनानायक
- सोने = सुवर्ण, कनक, कांचन, हिरण्य, हेम
- हत्ती = गज, कुंजर, वारण, नाग
- हरीण = मृग, कुरंग, सारंग
- हात = हस्त, कर, पाणी, भुज, बाहू
- ह्दय = अंतःकरण, अंतर
- होडी = नाव, नौका, तर
- क्षेम = कल्याण, हित, कुशल
- ज्ञाता = सुज्ञ, शहाणा, जाणणारा, तज्ज्ञ, ज्ञानी
- अपराध = गुन्हा
- इहलोक = मृत्यूलोक
- इशारा = सूचना, खून
- इंद्र = सुरेंद्र, देवेंद्र
- उणीव = कमतरता, न्यून, न्यूनता
- उपवन = बगीचा, बाग, उद्यान, वाटिका
- उदर = पोट
- कष्ट = मेहनत
- करमणूक = मनोरंजन
- कट = कारस्थान
- कटी = कंबर
- कठोर = निर्दय
- कनक = सोने, कांचन, हेम
- कमळ = पंकज, अंबुज, राजीव, पुष्कर, पदम, सरोज, कुमुदिनी
- कपाळ = ललाट, भाल, मस्तक
- काठ = तिर, किनारा, तट
- कान = कर्ण, श्रवण, श्रोत्र
- कावळा = काक, एकाक्ष, वायस
- काष्ठ = लाकूड
- किल्ला = गड, तट, दुर्ग
- किमया = जादू, चमत्कार
- कुटी = झोपडी
- कृपण = कंजूष, चिकू
- कृश = हडकूळा
- खडक = दगड, पाषाण
- गवई = गायक
- ग्रंथ = पुस्तक
- गनीम = शत्रू, अरी
- गणपती = गजानन, लंबोधर, विनायक, एकदंत, गौरीसुत, प्रथमेश, गणनायक, गणराज, अमेय, गजवंदन, गौरीनंदन, विघनहर्ता
- गरुड = खगेंद्र, द्विजराज, वैनतेय
- गृहिणी = घरधनिन
- गाणे = गीत
- धरती = धरणी, पृथ्वी, वसुंधरा, वसुधा, मही, भूमी, क्षोणी, धरित्री, अवनी, रसा
- धवल = पांढरे, शुभ्र
- धनुष्य = चाप, कोदंड, धनु, तीरकमठा
- धन = पैसा, संपत्ती, द्रव्य, वित्त, संपदा
- नगर = शहर, पूर, पुरी
- नजराणा = भेट, उपहार
- नवनीत = लोणी
- नदी = सरिता, तटिनी, जीवनदायिनी
- नृप = राजा, भूप, भूपती, भूपाळ, नरेश, महिपती
- नाथ = धनी, स्वामी
- नारळ = श्रीफळ, नारियल
- निर्जन = ओसाड
- निरझर = झरा
- निर्मळ = स्वच्छ
- नीच = तुच्छ, अधम, चांडाळ
- नेता = नायक, पुढारी
- नौदल = आरमार
- पशु = प्राणी, जनावर, श्वापद
- पती = नवरा, भ्रतार
- पर्वत = नग, अद्री, गिरी, अचल, शैल
- परिमल = सुवास, सुगंध
- पाणी = जल, पय, उदक, वारी, निर, सलील, जीवन
- पारंगत = निपुण, तरबेज
- पान = पर्ण, पत्र, पल्लव
- पोपट = राघू, रावा, शुक्र, किर
- पंक = चिखल
- पंक्ती = रांग, ओळ, पंगत
- पंडित = शास्त्री, विदवान, बुद्धिमान
- प्रकाश = उजेड, तेज
- प्रजा = लोक, रयत, जनता
- प्रपंच = संसार
- प्रतीक = चिन्ह, खूण
- प्रताप = पराक्रम, शौर्य
- प्राचीन = पूर्वीचा, पुरातन, जुनाट
- प्रात : काळ = सकाळ, उषा, पहाट
- प्रेम = माया, लोभ, स्नेह
- फुल = पुष्प, सुमन, कुसुम, सुम
- बहर = हंगाम, सुगी
- बक = बगळा
- बाप = वडील, पिता, जनक, जन्मदाता, तात
- बांधेसूद = रेखीव, सुडौल
- बेढव = बेडौल
- बैल = वृषभ, पोळ, खोड
- बंधन = निर्बंध, मर्यादा
- बंधु = भाऊ, भ्राता
- ब्रीद = बाणा, प्रतीक्षा
- भगिनी = बहीण
- भरवसा = विश्वास, खात्री
- भार = ओझे
- समय = वेळ
- साप = सर्प, भुजंग, अहि
- संहार = नाश, विनाश, सर्वनाश, विध्वंस
- स्वच्छ = नीट, निर्मळ, साफ
- स्तुती = प्रशंसा, कौतुक
- साधू = संन्यासी
- साथ = सोबत, संगत
- सुगम = सुलभ, सोपा, सुकर
- सुंदर = सुरेख, छान, देखणे
- सीमा = वेस, मर्यादा, शिव
- सेवक = दास, नौकर
- सैन्य = फौज, दल
- संघ = गट, चमू, समूह
- संशोधक = शास्त्रज्ञ
- संदेश = निरोप
- संकल्प = बेत, मनसुबा
- स्वामी = मालक
- स्वेद = घाम, घर्म
- सूर्य = रवी, भास्कर, भानू, आदित्य, दिनकर, दिनमनी, सविता, वासरमनी, मार्तंड, मित्र
- संग्राम = युद्ध, समर, संगर, लढाई
- संशय = शंका
- सिंह = वनराज, केसरी, मृगेंद्र
- स्त्री = महिला, वनिता, ललना, कामिनी
- हताश = निराश
- हरीण = मृग, सारंग, कुरंग
- हत्ती = गज, कुंजर
- हात = कर, हस्त, पाणी, भुजा, बाहू
- हिम = बर्फ
- हिंमत = धैर्य, धाडस
- हुशार = चतुर, चाणाक्ष
- होडी = नाव, नौका, तर
- क्षत = जखम, व्रण, इजा
- क्षमा = माफी
- क्षय = झीज, ऱ्हास
- क्षीण = अशक्त
- क्षीर = दूध
- क्षुधा = भूक
- क्षेम = कल्याण, हित, कुशल
- क्षोभ = क्रोध
- अगत्य = आस्था
- अग्रज = आधी जन्मलेला
- अग्रपूजा = पहिली पूजा
- अग्र = टोक
- अकल्पित = एकाएकी घडणारे
- आकालीन = अयोग्य वेळचे
- अखंडित = सतत चालणारे
- अगम्य = न समजू शकणारे
- अंडज = पक्षी
- अधर = ओठ, ओष्ट
- अध्ययन = शिकणे
- अध्यापन = शिकवणे
- समन्वय = मेळ ,मिलाफ
- सावध = दक्ष ,जागरूक
- सुगंध = सुवास ,परिमल
- सूर्य = रवी, भास्कर, दिनकर, सविता, मित्र, अरुण, भानू, आदित्य
- सोने = सुवर्ण, कांचन, हेम, कनक
- सोहळा = समारंभ
- हद्द = सीमा, शीव
- हत्ती = गज, पिलू, सारंग, कुंजर
- हर्दमच्यावानी = नेहमीप्रमाणे
- हल्ला = चढाई
- हळू चालणे = मंदगती
- र्हायणं = राहिले
- र्हास = हानी
- हकिकत = गोष्ट, कहाणी, कथा
- हात = हस्त, कर, बाहू
- हाक = साद
- हारीच = एकत्र
- हित = कल्याण
- हिंमत = धैर्य
- हुकूमत = अधिकार
- हुरूप = उत्साह
- हुबेहूब = तंतोतंत
- हुभा = उभा
- हेका = हट्ट, आग्रह
- हेवा = असूया ,इर्षा ,मस्तर
- म्हण = लोकोक्ती
- म्हातारपन = जरा ,वार्धक्य
- हकालपट्टी = उचलबांगडी ,उच्चाटन ,अर्धचंद्र
- हुंडा = वरदक्षिणा
- क्षमा = माफी
- ज्ञाता = ज्ञानी ,सुख ,तज्ञ
Note – Fruits name in Marathi and English, सर्व फळा ची नावे मराठी मध्ये
तर मित्रांनो कशी वाटली आमची ही पोस्ट,samanarthi shabd in marathi, आणि काही प्रश्न असल्यास तुम्ही आम्हाला विचारू शकता. धन्यवाद